इयत्ता नववी वर्कशीट जुलै विषय विज्ञान भाग 2 | std : 9 th work sheet science 2
वर्क शीट :जुलै : प्रश्न
प्रश्न. 1.कई प्रकार के भक्षक यदि एक ही प्रकार के सजीव का भक्षण करे तो इसका पारितंत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
प्रश्न.२ खाद्य जाल में संतुलन होने की आवश्यकता क्यों है।
प्रश्न 3. O २ को क्यों प्राण वायु कहा जाता है इस का कारण बता ओ ।
प्रश्न 4. हरि वनस्पतियां के बिना ऑक्सीजन चक्र चालू नहीं रहेगा।
प्रश्न.5.पारितंत्र की वनस्पतियों को उत्पादक कहा जाता है।
प्रश्न.6. विघटक किसी भी पारितंत्र के महत्त्वपूर्ण घटक होते हैं।
प्रश्न .7.ऊष्ण कटिबंध में कार्बन चक्र प्रभावी होता है ? ऐसा क्यों होता है ?
प्रश्न .8. पृथ्वी पर कार्बन का परिमाण स्थिर है, फिर भी CO2 गैस के कारण तापमान में वृद्धि क्यों हो रही है ?
प्रश्न . 9. निम्न प्रश्न के उत्तर लिखो.
1)विघटक कौन-कौन से हैं? वे कहाँ होते हैं ?
2) खाद्य श्रृंखला में कौन-से घटक हस्तांतरित होते हैं ?
3) ऊर्जा तथा अन्य प्रकार के पोषक द्रव्य पारितंत्र में किस प्रकार प्रवाहित होते हैं ?
4) मृत अवशेषों से खाद्य प्राप्त करते समय विघटक कौन कौन-से कार्य करते हैं?
वर्क शीट : जून : प्रश्न उत्तर
प्रश्न. 1.कई प्रकार के भक्षक यदि एक ही प्रकार के सजीव का भक्षण करे तो इसका पारितंत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
उत्तर : कई भक्षको के भोजन एक ही प्रकार के सजीव होने पर भोजन का अभाव होगा और वही सजीव जीवित रहेंगे जिन खाद्य पदार्थों पर कई सजीव निर्भर होंगे तो उनके समाप्त होने पर उनके भक्षक की संख्या मैं भी कमी होगी इसका परिणाम पारितंत्र का संतुलन बिगड़ जाएगा।
प्रश्न.२ खाद्य जाल में संतुलन होने की आवश्यकता क्यों है।
उत्तर : खाद्य जाल में संतुलन न होने पर उसके विविध पोषण स्तर ओके सजीवों में उचित ढंग से अंतर क्रिया नहीं होगी उत्पादक की अपेक्षा भक्षक अधिक हो जाने पर पारितंत्र में अकाल पड़ सकता है यदि बाघ जैसे सर्वोच्च भक्षक मानवो के शिकार होगे, परिणाम स्वरूप हिरन जैसे द्वीत्तीय भक्षको की संख्या इतनी बढ जाइगी की उन के लिए पारितंत्र की हरी घास कम पडेगी।हरी कम होने से मिट्टी का क्षरण होगा. ऐसे सभी विनाशकारी परिणाम ना हो तथा पारितंत्र नष्ट न हो सके इसलिए खाद्य जाल में संतुलन होना आवश्यक है
प्रश्न 3. O २ को क्यों प्राण वायु कहा जाता है इस का कारण बता ओ
उत्तर : सजीवों में स्वसन क्रिया के लिए ऑक्सीजन आवश्यक होता है इसके सहायता से कार्बोज का ऑक्सीकरण होकर ऊर्जा मुक्त होती है ऊर्जा सजीव के अस्तित्व के लिए बहुत आवश्यक है इसी कारण O २ ऑक्सीजन को प्राणवायु कहते हैं।
प्रश्न 4. हरि वनस्पतियां के बिना ऑक्सीजन चक्र चालू नहीं रहेगा ।
उत्तर : हरि वनस्पतियां ऑक्सीजन वायु निर्माण करती है और निरंतर ऑक्सीजन चक्र चालू रहता है इस सभी प्रक्रिया में स्वसन ज्वलन ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता है इसी कारण वनस्पतियों के बिना ऑक्सीजन चक्र चालू नहीं रहेगा।
प्रश्न.5.पारितंत्र की वनस्पतियों को उत्पादक कहा जाता है।
उत्तर : वनस्पतियाँ सौर ऊर्जा की सहायता से तथा मिट्टी में से पोषक द्रव्य तथा पानी का अवशोषण कर भोजन का निर्माण करत हैं। उनका शरीर का हरित लवक भी प्रकाश-संश्लेषण में प्रक्रिया में सहायता करता है। उनके द्वारा निर्मित खाद्य पदार्थ, शाकाहारी प्राणी ग्रहण करते हैं। वनस्पतियाँ खाद्य पदार्थ का उत्पादन करती हैं, इसलिए उन्हें पारितंत्र का उत्पादक कहा जाता है।
प्रश्न.6. विघटक किसी भी पारितंत्र के महत्त्वपूर्ण घटक होते हैं।
उत्तर : वनस्पतियों तथा प्राणियों के मृत अवशेषों पर विघटक प्रक्रिया करते हैं। विघटनशील कार्बनिक पदार्थों का विघटन करके उनसे मूलद्रव्य या पोषक द्रव्य प्रकृति में पुनः छोड़ने का अत्यंत महत्त्व पूर्ण कार्य विघटक सूक्ष्मजीव करते हैं। यदि पारितंत्र में विघटक न हो, तो सभी पोषक द्रव्य खाद्य श्रृंखला में अटके रह जाएँगे। पारितंत्र में चक्रीय प्रवाह घूमने वाले पोषक द्रव्य का परिमाण कम जाएगा। पृथ्वी की सतह पर जगह-जगह पर विघटनशील पदार्थों, मृत अवशेषों के ढेर पड़े रहेंगे। विघटक सजीवों द्वारा विघटन का अत्यंत आवश्यक कार्य पूरा करते हैं। इसलिए विघटक, किसी भी पारितंत्र के महत्त्वपूर्ण घटक होते हैं।
प्रश्न .7. ऊष्ण कटिबंध में कार्बन चक्र प्रभावी होता है ? ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर : ऊष्ण कटिबंध में तापमान अधिक होता है। इसके साथ ही विषुववृत्तीय जंगलों की संख्या अधिक होती है। अधिक वनस्पतियों के कारण प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से ऑक्सीजन का सतत तयार होता रहता है। उस के अनुसार CO2 भी बड़े मात्रा में अवशोषित किया जाता है।
प्रश्न.8.पृथ्वी पर कार्बन का परिमाण स्थिर है, फिर भी CO2 गैस के कारण तापमान में वृद्धि क्यों हो रही है ?
उत्तर : हमारे पर्यावरण में जादा गॅस हवा में CO2 हैं अन्य गॅस के साथ फैलाव करती है। इस कारण सौर ऊर्जा के कुछ अवरक्त विकिरण बाहर अवकाश में पुनः वापस नहीं किए जाते। इसके पहले किरण के बाहर जाने की संभावना नहीं होती थी। इस कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि नहीं होती। अब बहुत बड़े पैमाने पर हम विविध स्वरूपों में कार्बन जलाते हैं। औद्योगिकीकरण के कारण, अनियंत्रित यातायात के कारण जीवाश्म ईंधन बहुत अधिक मात्रा में उपयोग किए जा रहे हैं। फलस्वरूप बड़े पैमाने में CO2 की निर्मिति होती है। इसी प्रकार जंगलों की अंधाधुध कटाई होने के कारण बढ़ी हुई CO, का उपयोग नहीं होता। इन सभी कारणों से हरित गृह परिणाम (Green house effect) होता है। इस कारण से वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है।
प्रश्न . 9. निम्न प्रश्न के उत्तर लिखो.
१)विघटक कौन-कौन से हैं? वे कहाँ होते हैं ?
उत्तर : कवक (फफूँदी) तथा सूक्ष्मजीव महत्त्वपूर्ण विघटक हैं। हवा, पानी तथा मिट्टी इन सभी में होते हैं।
2) खाद्य श्रृंखला में कौन-से घटक हस्तांतरित होते हैं ?
उत्तर : कार्बनिक पदार्थ तथा पोषक द्रव्य खाद्य श्रृंखला में हस्तांतरित होते हैं।
3) ऊर्जा तथा अन्य प्रकार के पोषक द्रव्य पारितंत्र में किस प्रकार प्रवाहित होते हैं ?
उत्तर : सजीवों के विविध पोषण प्रकारों के अनुसार निर्मित होने वाले खाद्य जालों के कारण ऊर्जा तथा अन्य प्रकार के पोषक द्रव्य पारितंत्र में प्रवाहित होते रहते हैं।
4) मृत अवशेषों से खाद्य प्राप्त करते समय विघटक कौन कौन-से कार्य करते हैं?
उत्तर : मृत अवशेषों से खाद्य प्राप्त करते समय विघटक उनका रूपांतरण सरल कार्बनिक पदार्थों में करते हैं।