निबंध लेखन : देश के विकास में शिक्षकों का योगदान |Contribution of teachers in the development of the country
हमारे देश में गुरु-शिष्य की एक महान परंपरा है। पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कृति का पाठ पढ़ाने वाली गुरुकुल शिक्षा प्रणाली भारतीय संस्कृति का एक बड़ा खजाना है। गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में दुनिया भर से कई छात्र भारतीय गुरुकुलों में पढ़ते थे। और आज भी आधुनिक युग में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में, शिक्षा भारतीय शिक्षा की परंपरा में एक समाज है
सामाजिक अध्ययन का अध्ययन करने वाले छात्र देश को आगे बढ़ाते हैं उन्होंने शरीर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। और आज भी आधुनिक युग में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के युग में, भारतीय शिक्षा परंपरा में, शिक्षा को देश के सामाजिक परिवर्तन और विकास का साधन माना जाता है। और शिक्षक देश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक जमाने में भारत को विश्व गुरु के रूप में जाना जाता था। भारत ने दुनिया को बहुत सारी बुद्धि दी है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान
वर्तमान में, शिक्षक ईमानदारी से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कॉल कर रहे हैं। भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने हमेशा कहा है कि शिक्षक राष्ट्र की रीढ़ है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि भारत को महाशक्ति बनना है तो शिक्षक ही इसका प्रेरक माध्यम बन सकते हैं!देश के निर्माण में शिक्षकों का योगदान सर्वोपरि है क्योंकि वे नेतृत्व कर अपनी आत्मनिर्भरता साबित करेंगे।
सामाजिक मानसिकता
सामाजिक मानसिकता को बदलने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। शिक्षा के माध्यम से छात्रों के मन में नैतिकता और मूल्यों को स्थापित करने में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो जीवन और समाज को बदल देती है। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति अच्छे और बुरे के बीच के अंतर को समझता है। अच्छे शिक्षक देश के लिए एक सक्षम पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं।
बच्चे अपने सपने खुद लेकर चलते हैं। ये शिक्षक इसे समझने और व्यवहार में लाने की कोशिश करते हैं। ये चीजें औपचारिक (कक्षा) और अनौपचारिक (संवाद और चर्चा) माध्यमों से आकार लेती हैं। क्योंकि इस तरह के संवादों के माध्यम से छात्रों द्वारा उनके दृष्टिकोण को आत्मसात किया जाता है। इसके अलावा, बिजली की गति और स्वतंत्रता की जागरूकता की अवधारणा इन छात्रों को अपनी दिशा निर्धारित करने और आगे के निर्णय लेने में सक्षम बनाती है।
सामाजिक परिवर्तन
शिक्षकों को नेतृत्व करना होगा। शिक्षकों को जगह बनानी होगी और सीखने का माहौल बनाना होगा। शिक्षकों को वहां बहुलता और विविधता लानी होगी। मूल्यों और मानव अस्तित्व की पृष्ठभूमि के खिलाफ ज्ञान की गहराई और ऊंचाई को प्राप्त करना है। शिक्षक पूरे देश की रीढ़ हैं....... लाल बहादुर शास्त्री का यह वाक्य समझ में आता है. क्योंकि शिक्षक के लिए वर्तमान पीढ़ी ही देश का भविष्य तय करती है। इसलिए देश की उज्ज्वल परंपरा और देश के ताने-बाने में शिक्षकों का योगदान सर्वोपरि है।
सही अर्थों में शिक्षक ही सामाजिक परिवर्तन के साधन हैं। क्योंकि शिक्षक के पास हजारों पीढि़यां बनाने की शक्ति होती है। एक शिक्षक के योगदान से ही देश की भावी पीढ़ी बन रही है। शिक्षक भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रहे हैं। न केवल एक कर्तव्य के रूप में, बल्कि एक शिक्षक की अपनी जिम्मेदारी के रूप में, वह जीवन भर अपने प्रत्येक छात्र के समग्र विकास के लिए प्रयास करता है।