पाठ गुरुत्वाकर्षण महत्वपूर्ण प्रश्न | Ssc Imp question 2021 -22 | Science Part 1 Maharashtra Board
इयत्ता - १० वी
विषय - विज्ञान भाग 1 .गुरुत्वाकर्षण gravity
पाठ .१.गुरुत्वाकर्षण
१ बहुविकल्पी प्रश्न.(प्रत्येकी ०१ गुण)
२ जोडिया मिलाओ.(प्रत्येकी ०१ गुण)
३ सत्य अथवा असत्य कथन पहचानना.(गुण ०१)
४ वैज्ञानिक कारण (प्रत्येकी ०२ गुण)
५ संख्यात्मक प्रश्न ( प्रत्येकी ०२ गुण)
६ नियम , इकाई तथा परिभाषा ( प्रत्येकी ०३ गुण)
संक्षिप्त टिप्पणी (प्रत्येकी ०२ गुण)
८ अंतर स्पष्ट करना ( ०२ गुण चार मुद्दे प्रत्येक १/२ अंक)
९ गुणधर्मव/ विशेषतः/ उपयोग (०२ गुण)
१
१ बहुविकल्पी प्रश्न.(प्रत्येकी ०१ गुण)
प्रश्न स्तंभ अ | उत्तरे स्तंभ ब |
---|---|
द्रव्यमान | जडत्व का माप kg |
भार | उंचाई पर निर्भर करता हैं N |
गुरुत्वीय त्वरण | पृथ्वी के केंद्र के पास शून्य m/s2 |
गुरुत्व स्थिरांक | संपूर्ण विश्व में समान N.m2/kg2 |
मुक्ति वेग | √2G M /R |
गुरुत्वीय त्वरण | GM/r2( r> R) |
गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा | - GMm/ R + H |
गुरुत्व बल | Gm1m2/r2 |
४ वैज्ञानिक कारण (प्रत्येकी ०२ गुण)
५ संख्यात्मक प्रश्न ( प्रत्येकी ०२ गुण)
६ नियम , इकाई तथा परिभाषा ( प्रत्येकी ०३ गुण)
नियम
इकाई
परिभाषाh
७) संक्षिप्त टिप्पणी (प्रत्येकी ०२ गुण)
भार | द्रव्यमान |
---|---|
सदिश राशी | अदिश राशी |
स्थान के अनुसार परावर्तित हो जाता हैं। |
सर्वत्र समान ही होता हैं। |
पृथ्वी के केंद्र में भार शून्य | कभी भी शून्य नहीं हो सकता |
९ गुणधर्म/ विशेषतः/ उपयोग (०२ गुण)
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न. १.यदि किसी व्यक्ति का पृथ्वी पर भार 72N हो, तो चंद्रमा पर उसका भार कितना होगा?
(a) 12N (b) 36N (c) 21N (d) 63N
उत्तर - 12N
२) चंद्रमा पर 9N भार वाले व्यक्ति का पृथ्वी पर कितना भार होगा? (a) 3N (b) 15 N (c) 45N (d) 54N
उत्तर - 54N
३) किसी वस्तु का मुक्त पतन होते समय न्यूटन का गति संबंधी दूसरा समीकरण ------------ इस प्रकार लिख सकते हैं।
उत्तर - s = 1/2gt2(t का वर्ग हैं)
४) यदि पृथ्वी के पृष्ठभाग पर किसी पिंड का भार 60N हो, तो चंद्रमा के पृष्ठभाग पर उसका भार लगभग ------ होगा।
(a) 360N (b) 36N (c) 6N (d) 10N
उत्तर - 10N
५) पृथ्वी के पृष्ठभाग पर किसी पिंड का भार = ---------
(a)GMm/ R (b) GMm/ R2 (c) GMmR 2
(d) GM/ R²
उत्तर - GMm/ R2
६) चंद्रमा पर 9 N भारवाले व्यक्ति का पृथ्वी पर कितना भार होगा ?
a) 3N b) 15N c) 45N d) 54N
उत्तर - 54 N
२ जोडिया मिलाओ.( प्रत्येकी 1 गुण)किंवा
सारणी तथा प्रवाह तालिका पर आधारित प्रश्न ( गुण ०२/ ०३)
१) CGS प्रणाली में 8 की इकाई dyne.cm2/g2 है।
उत्तर - सत्य
२) पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वीय त्वरण शून्य होता है।
उत्तर - सत्य
३) किसी पिंड का भार ध्रुवों पर सबसे कम होता है।
उत्तर - असत्य (किसी पिंड का भार ध्रुवों पर सबसे अधिक होता है अथवा किसी पिंड का भार विषुवतवृत्त पर सबसे कम होता है।)
४) पृथ्वी के पृष्ठभाग से ऊपर जाने पर g का मान क्रमशः बढ़ता है।
उत्तर - असत्य .(पृथ्वी के पृष्ठभाग से जैसे-जैसे ऊँचाई पर जाते हैं, वैसे-वैसेg का मान कम होता जाता है।)
५) पिंड का मुक्ति (पलायन) वेग पिंड के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं होता।
उत्तर - सत्य .
प्रश्न . १ .यदि कोई पत्थर तथा पक्षी का पंख एक ही समय ऊँचाई से नीचे गिराए जाएँ, तो पंख की अपेक्षा पत्थर शीघ्र नीचे आता है।
उत्तर : (1) जब कोई पिंड हवा में नीचे गिरता है, तब उस पिंड पर पृथ्वी के बल के कारण उसका वेग निरंतर बढ़ता जाता है। इस दशा में हवा के उत्प्लावक बल द्वारा और घर्षण द्वारा गति में अवरोध उत्पन्न होता है।
(2) यह अवरोध पिंड के आकार, आयतन, घनत्व तथा वेग इत्यादि पर निर्भर होता है। इन अवरोधों का पक्षी के पंख पर अधिक और पत्थर पर कम प्रभाव पड़ता है। फलतः पत्थर का अधोगामी त्वरण, पंख के अधोगामी त्वरण से अधिक होता है।
प्रश्न.१. कोई गेंद टेबल से नीचे गिरती है और वह 1 सेकंड में जमीन पर पहुँचती है 1g = 10 m/s2 तो टेबल की ऊँचाई और गेंद के जमीन पर पहुँचते समय उसका वेग कितना होगा ?
हल : t = 1s , g = 10 m/s ^ 2, u = 0 m/s s = ?, U = ?
(i) s = ut + 1/2 gt2(2 - t का वर्ग हैं)
जहाँ, u = 0m/s, ..
S = 1 / 2 gt2
:. S = 1/2 x 10m / s 2 x (1s) 2
= 5m
. टेबल की उँचाई = 5m.
(ii) v = u+at=u+gt
= 0m/s + 10m/s2 x 1s
= 10m/s
:. गेंद के जमीन पर पहुँचते समय उसका वेग = 10 m/s.
२) ग्रह 'क' की त्रिज्या ग्रह 'ख' त्रिज्या की आधी है। 'क' का द्रव्यमान M है । यदि 'ख' ग्रह पर g का मान 'क' ग्रह पर g के मान का आधा है, तो 'ख' ग्रह का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल : R (क) = R (ख) /2, g (ख पर) = g ( क पर) / 2, द्रव्यमान (क) = MA,
द्रव्यमान (ख) = MB = ?
g = GM/R2 ( R का वर्ग 2)
:. g (क पर) GMA/ R 2(क) तथा
g (ख पर) = GMB / R 2 (ख)
g (ख पर) / g (क पर) = (R (क) / R (ख) ) 2 × MB X MA
:. 1/2 = (1/2)2 × MB × MA
:.MB /MA = 4/2
= 2
MB= 2MA
:. ख ग्रह का द्रव्यमान = 2 MA.
३) महेंद्र तथा विराट 1 m की दूरी पर बैठे हैं। उनके द्रव्यमान क्रमशः 75 kg और 80 kg है। उनके बीच गुरुत्वीय बल कितना होगा?
G = 6.67 * 10 ^ - 11 N·m2/kg2.
हल : r = 1m , m2 = 75 kg, m2 = 80 kg
G = 6.67 x 10-11 Nm/kg2 न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियमानुसार
F= Gmm 6.67x10 (- 11)( 10 का -11 घात)
N .m2/kg2
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियमानुसार
F = G m1m2 / r2
= 6.67 × 10 (-11) ये घात हैं × 75 × 80 / 1 × N
= 4.002 x 10(-7 ) N (-7 ये 10 का घात हैं)
महेंद्र और विराट के बीच गुरुत्वीय बल 4.002 x 10 -7 N होगा।
:केप्लर के तीन नियम :
केप्लर का पहला नियम :
ग्रह की कक्षा दीर्घवृत्ताकार होती है तथा सूर्य उस कक्षा के एक नाभि पर स्थित होता है। साथ की आकृति में किसी ग्रह की सूर्य के परितः परिभ्रमण की दीर्घवृत्ताकार कक्षा दिखाई गई है।
: केप्लर का दूसरा नियम :
ग्रह को सूर्य से जोड़ने वाली रेखा समान समयावधि में समान क्षेत्रफल व्याप्त करती है।
समान कालावधी मे ग्रह का विस्थापन A ➡️ B, C➡️D , E ➡️ F
किस प्रकार होता है
ASB का क्षेत्रफल = CSD का क्षेत्रफल = ESF का क्षेत्रफल
समान हैं।
केप्लर का तीसरा नियम :
सूर्य की परिक्रमा करने वाले ग्रह के आवर्तकाल का वर्ग दसवी को सूर्य से औसत दूरी के घन के समानुपाती होता है। अर्थात यदि ग्रह का आवर्तकाल T हो और सूर्य से उसकी औसत दूरी r हो, तो
T2/ r3 = स्थिरांक = K
प्रश्न. २. न्यूटन के गतिसंबंधी तीन नियम कौन-से हैं ?
उत्तर : (1) न्यूटन का गतिसंबंधी पहला नियम :
प्रत्येक अचेतन (Inaminate) पिंड अपनी स्थिर अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गतिशील अवस्था में बना रहता है, जब तक उस पिंड पर कोई असंतुलित बाह्य बल न लगाया जाए।
(2) न्यूटन का गतिसंबंधी दूसरा नियम:
किसी पिंड के संवेग परिवर्तन की दर उस पिंड पर आरोपित असंतुलित बल के समानुपाती एवं संवेग में होने वाला परिवर्तन बल की दिशा में होता है।
(3) न्यूटन का गतिसंबंधी तीसरा नियम : प्रत्येक क्रिया बल के लिए समान परिमाणवाले और उसी समय प्रयुक्त होने वाले प्रतिक्रिया बल का अस्तित्व होता है और उनकी दिशा परस्पर विपरीत होती है।
न्यूटन का वैश्विक गुरुत्वाकर्षण नियम :
विश्व के कोई भी दो पिंड चाहे वे कहीं भी हों, उनके मध्य एक-दूसरे को आकर्षित करने वाला एक बल क्रियाशील होता है। यह बल उन पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा पिंडों के बीच की दूरी के वर्ग के प्रतिलोमानुपाती होता है। यह बल उन पिंडों के केंद्रों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश क्रियाशील होता है।
१) SI में भार की इकाई न्यूटन हैं।
२) CGS प्रणाली में भार की इकाई डाइन है।
३) गुरुत्वीय स्थिरांक की SI तथा CGS इकाइयाँ क्रमशः
N-m/kg2 तथा dyne-cm2/g2 हैं।
४) CGS प्रणाली में g की इकाई dyne.cm2/g2 है।
प्रश्न .१ . विश्व गुरुत्वीय स्थिरांक की परिभाषा लिखो।
इकाई द्रव्यमानवाले दो पिंड एक दूसरे से इकाई दूरी पर हों, तो उन पिंडों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल (गुरुत्व बल) को 'विश्व गुरुत्वीय स्थिरांक' कहते हैं।
प्रश्न.२. परिभाषा लिखो गुरुत्व जनित त्वरण । गुरुत्व जनित त्वरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर: स्वतंत्र रूप में नीचे गिरने वाले किसी पिंड में पृथ्वी के गुरुत्व बल द्वारा होने वाले त्वरण को गुरुत्व जनित त्वरण कहते हैं।
प्रश्न .३. मुक्त पतन का क्या अर्थ है ? अथवा
परिभाषा लिखो मुक्त पतन।
उत्तर: जब कोई पिंड केवल गुरुत्वीय बल के प्रभाव से गतिशील हो, तब उस गति को मुक्त पतन कहते हैं।
प्रश्न .४. गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा का क्या अर्थ होता है ?
अथवा परिभाषा लिखो : गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा। गुरुत्वीय ऊर्जा का सूत्र लिखो।
उत्तर : किसी पिंड तथा पृथ्वी के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पिंड में जो ऊर्जा समाविष्ट होती है, उसे गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।
पिंड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा = GMm / (R+h)'
जहाँ, G= गुरुत्व स्थिरांक, M = पृथ्वी का द्रव्यमान, 1m = पिंड का द्रव्यमान, = पृथ्वी की त्रिज्या, ½ = पृथ्वी के पृष्ठभाग से पिंड की ऊँचाई
प्रश्न.५. मुक्ति वेग (पलायन वेग) का क्या अर्थ होता है ?
उत्तर : जिस विशिष्ट प्रारंभिक वेग के कारण पृथ्वी (अथवा अन्य ग्रह/उपग्रह/ तारे) पृष्ठभाग से सीधे ऊपर जाने वाले पिंड पृथ्वी (अथवा ग्रह/उपग्रह/तारे) के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त हो जाता हैं ,उसे मुक्ती वेग क ह ते हैं।
प्रश्न .६ .अभिकेंद्री बल का क्या अर्थ होता है ? परिभाषा लिखो : अभिकेंद्री बल ।
उत्तर : वृत्ताकार कक्षा में घुमनेवाले किसी पिंड पर वृत्त के केंद्र की दिशा में बल प्रयुक्त होता है, इस बल को अभिकेंद्री बल कहते हैं।
(1) पृथ्वी के गुरुत्वीय बल की संकल्पना स्पष्ट करो। के पृथ्वी के गुरुत्वीय बल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो। (2 अंक)
उत्तर पृथ्वी सभी वस्तुओं को गुरुत्वीय बल से अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी का द्रव्यमान केंद्र उसका केंद्र बिंदु होता है, इसलिए किसी भी पिंड पर पृथ्वी का गुरुत्वीय बल पृथ्वी के केंद्र की दिशा में होता है। अतः इस बल के कारण विराम अवस्थावाली वस्तु क्षैतिज लंब दिशा में सीधी नीचे गिरती है। इसी प्रकार जब हम कोई पत्थर क्षैतिज लंब दिशा में सीधे ऊपर फेंकते हैं, तब पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण उसका वेग कम होता जाता है। कुछ समय के पश्चात वह वेग शून्य हो जाता है तथा उसके बाद वस्तु सीधी रेखा में नीचे गिरती है।
(2) मुक्ति वेग स्पष्ट करो।
संक्षेप में टिप्पणी लिखो मुक्ति वेग। (2 अंक) :
उत्तर : सामान्यतः पिंड को जमीन पर से सीधे ऊपर फेंकने पर उसका वेग कम होता जाता है और कालांतर में वह पुनः जमीन पर गिरता है। पिंड का प्रारंभिक वेग बढ़ाने पर वह पिंड अधिक ऊँचाई तक जाता है। प्रारंभिक वेग सतत बढ़ाते गए, तो एक विशिष्ट प्रारंभिक वेग पर पिंड, पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से मुक्त हो जाता है। इस वेग को मुक्ति वेग (पलायन वेग) कहते हैं। इस स्थिति में पिंड, पृथ्वी से अनंत दूरी पर जाकर स्थिर होगा (रुकेगा)।
८ अंतर स्पष्ट करना
( ०२ गुण चार मुद्दे प्रत्येक १/२ अंक)
गुरुत्वाकर्षण बल की कोई एक लिखो।
उत्तर : किन्हीं दो द्रव्यकणों के मध्य क्रियाशील गुरुत्वाकर्षण बल, उन कणों के बीच के माध्यम पर निर्भर नहीं होता।
प्रश्न. १. न्यूटन के गुरुत्वाकर्षणसंबंधी नियम का महत्त्व लिखो।
उत्तर : न्यूटन के गुरुत्वाकर्षणसंबंधी नियम का महत्त्व इस नियम द्वारा निम्नलिखित तथ्यों का स्पष्टीकरण प्राप्त होता है :
(i) पृथ्वी हमारे ऊपर गुरुत्व बल प्रयुक्त करती है।
(ii) इसी गुरुत्व बल के कारण चंद्रमा तथा अन्य मानवनिर्मित उपग्रह पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं।
(iii) इसी गुरुत्व बल के कारण ग्रह, उपग्रह तथा धूमकेतु इत्यादि सूर्य की परिक्रमा करतेहैं।
(iv) इसी गुरुत्व बल के कारण चंद्रमा तथा सूर्य द्वारा समुद्र में ज्वार भाटा आता है।
२) (i) 'g' का मान कौन-से कारकों पर निर्भर है ? स्पष्ट करो। (ii) स्पष्ट करो कि यह (g) इन घटकों पर किस प्रकार निर्भर है।
उत्तर : (i) 'g' का मान निम्नलिखित कारकों पर निर्भर है : (1) पृथ्वी के पृष्ठभागसे ऊँचाई
(2) पृथ्वी के पृष्ठभाग से गहराई
(3) पृथ्वी का आकार.
४) जैसे-जैसे पृथ्वी के पृष्ठभाग से अर्थात पृथ्वी के केंद्र से दूर जाते हैं, वैसे-वैसे g का मान क्रमशः घटता जाता है।
५) पृथ्वी के पृष्ठभाग पर 8 का मान सर्वाधिक होता है।
६) पृथ्वी का आकार पूर्णरूपेण गोलाकार नहीं है।
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