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अव्यय इयत्ता दहावी हिंदी व्याकरण | Standard 10 thHindi vyakran

 इयत्ता दहावी हिंदी व्याकरण | Standard 10 th Hindi vyakran  

विषय - हिंदी व्याकरण - अव्यय भाषा अध्ययन (toc)

Ssc प्रश्न पत्रिका में कृतिपत्रिका का प्रश्न 4 भाषा अध्ययन (व्याकरण) विभाग पर  आधारित है। इसमें निम्न कृतियाँ पूछी जाती है :

1) दो अव्यय शब्दों में से किसी एक का वाक्य में प्रयोग करना

    (1 घटक, प्रत्येक के लिए 1 अंक)

 2) संधि - (पहचानना, विच्छेद करना, संधि शब्द बनाना)

      (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1/2 अंक)

3) सामासिक शब्द, विग्रह और समास का प्रकार लिखना

       (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1/2 अंक)

(4) अलंकार पहचानकर प्रकार - उपप्रकार लिखना
 (1 घटक, प्रत्येक के लिए 1/2 अंक)



(5) दो मुहावरें में से किसी एक का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

(2 प्रत्येक के लिए 1/2 अंक)

(6) विरामचिह्न का प्रयोग (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1/2 अंक)

(7) कारक पहचानना और भेद लिखना

  (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1 अंक) 

(8) वाक्य शुद्ध करना (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1/2 अंक)

(9) छंद पहचानना, मात्राएँ लिखना (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1 अंक)

(10) काल परिवर्तन (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1 अंक)

(11) वाक्य के भेट (2 घटक, प्रत्येक के लिए 1 अंक)

  1) रचना के आधार पर वाक्य का भेट पहचानना

  2) अर्थ के आधार पर वाक्य परिवर्तन करना

अव्यव

 अव्यय किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। 
ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। 
उदाहरण:जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब

अव्यय के भेदः

 अव्यय के पांच प्रकार होते हैं

1. क्रिया-विशेषण

2. संबंधबोधक

3. समुच्चय बोधक

4. विस्मयादिबोधक

5. निपात

क्रियाविशेषण 

परिभाषा - जिन शब्द से क्रिया की विशेषता पता चलती है।
उदा . जैसे- वह धीरे-धीरे चलता है। 
 चलता -   क्रिया है ।
 धीरे-धीरे -  विशेषता।

क्रियाविशेषण के चार (4) प्रकार है :


1. स्थानवाचक : स्थान का बोध. 

उदा. यहाँ, वहाँ, कहाँ, जहाँ, सामने, नीचे, ऊपर, आगे, भीतर, बाहर

2. कालवाचक: जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के होने का समय बतलाते हैं ।

उदा . परसो, पहले, पीछे, कभी, अब तक, अभी-अभी, बार बार।

 3. परिमाणवाचक  : परिणाम तथा निश्चित संख्या का बोध.
उदा. बहुत, अधिक, अधिकाधिक पूर्णतया, सर्वथा, कुछ, थोड़ा, ।

4. रीतिवाचक : रिती का बोध।
उदा. जो शब्द किसी क्रिया के करने के तरीके/रीति का बोध कराए, वह रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहलाते है।

• जैसे धीरे-धीरे, जल्दी, रोज़, आदि।

संबंधबोधक अव्यय

परिभाषा - वे शब्द जो संज्ञा / सर्वनाम को अन्य संज्ञा / सर्वनाम के साथ संबंध का बोध कराते है उसे संबंधबोधक  अव्यय कहते है। 
उदा. के पास, के ऊपर, से दूर, के कारण,  आदि ।
उदा. विद्यालय के सामने बगीचा है।
 ('विद्यालय' का 'बगीचा' के साथ संबंध - 'के सामने)

संबंधबोधक के भेदः


1. स्थानवाचक संबंधबोधक

2. दिशाबोधक संबंधबोधक

3. कालवाचक संबंधबोधक

4. साधनवाचक संबंधबोधक

5. कारणवाचक संबंधबोधक

6.सीमावाचक संबंधबोधक

7. विरोधसूचक संबंधबोधक

समुच्चयबोधक

जिन शब्दों की वजह से दो या दो से ज्यादा वाक्य, शब्द, या वाक्यांश जुड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक कहा जाता है।
उदा - जहाँ , और, वरना, किन्तु, परन्तु, इसीलिए, बल्कि, पर तब, ताकि, क्योंकि, या, अथवा ।
उदा. 1. राम ने खाना खाया और सो गया।
      2. उसने बहुत समझाया लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं मानी।

विस्मय बोधक 

जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मय बोधक वाक्य कहते हैं।

उदा. 1.अरे ! तुम कब आ गए।
      2.  वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया।

विस्मयादिबोधक के भेदः


1. शोकबोधक - हे राम!, ओह! शोक बोध होता हैं।
उदा - हे श्याम ! बहुत बुरा हुआ।

2. तिरस्कारबोधक - धिक्!, धत !, चुप !  तिरस्कार बोध होता है। 
उदा - धिक्कार ! है आप  पे

3. विस्मयादिबोधक : ओह!, सच!,विस्मयादि बोध होता हैं।
उदा - ओह ! ये कौन है ?

4. संबोधनबोधक : ओ!, रे!, संबोधनबोध होता हैं।
उदा - हैलो ! कोई है ?

5. हर्षबोधक : अहा!, शाबाश !, ओह! आते हैं वहाँ पर हर्षबोधक होता है। 
उदा - अहा ! मजा आ गया।

6. भयबोधक :  बाप रे 
उदा .' बाप रे ' कितना बडा साप ।

7. आशिर्वादबोधक - जीते रहे ।
उदा - जीते ! रहो तुम अपने काम मे सफल हो जाओ।

8. अनुमोदनबोधक - बहुत अच्छा!, अवश्य 
उदा . अवश्य ! हम आप का साथ देंगे ।


9. विदासबोधक  - टा - टा .विदासबोध होता हैं।

10. विवशताबोधक :  कदाचित विवशताबोध होता हैं।

11.  स्वीकृतिबोधक :  हाँ! जी हाँ!, बहुत अच्छा!,स्वीकृतिबोधक हैं।

SSC परीक्षा में अव्यय के घटक पर आये महत्वपूर्ण प्रश्न

निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का उचित वाक्य में।

प्रयोग कीजिए :

(1) काश!  (2) बाद (3) बल्कि (4) यदि... तो (5) वाह! रे  

(1) काश! : विस्मयादिबोधक अव्यय

वाक्य : काश! राम के राजतिलक के अवसर पर लक्ष्मण भी होते।
 (2) बाद कालवाचक संबंधबोधक अव्यय

वाक्य: रमेश धीरज के बाद खेलने गया।

(3) बल्कि समुच्चयबोधक अव्यय

वाक्य :  साधना नीरजा की नहीं बल्कि प्रतिमा की बहन है।

(4) यदि...तो : समुच्चयबोधक अव्यय
 वाक्य: यदि रमेश परिश्रम करेगा तो परीक्षा में पास हो जाएगा।

(5) वाह रे :विस्मयादिबोधक अव्यय

 वाक्य : वाह रे भारतीय क्रिकेट टीम ने कितना अच्छा खेल खेला!

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) के अलावा (2) के लिए (3) क्योंकि (4) हाय!


(1) के अलावा :  संबंधबोधक अव्यय

वाक्य: नौरज के अलावा मैदान में हॉकी के सभी खिलाड़ी मौजूद थे।

 (2) के लिए :  संबंधबोधक अव्यय

वाक्य :  नीरजा सब्जी खरीदने के लिए बाजार गई थी। 

(3) क्योंकि :  समुच्चयबोधक अव्यय

वाक्य: वह विद्यालय नहीं गया क्योंकि आज छुट्टी है।

(4) हाय! -  विस्मयादिबोधक अव्यय

वाक्य  - हाय बेचारा अकाल मौत मारा गया।

5) प्रायः रीतिवाचक क्रियाविशेषण
 अव्यय वाक्य: वह प्रायः विद्यालय समय पर नहीं आता।

अव्यव के सराव के लिए प्रश्न 

प्रश्न १. निम्नलिखित में से किसी एक अव्यय का उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए ::

 1) और
 2) पास 
 3) इसलिए
 4) तरफ 
 5) कारण
 6) अच्छा 
7) नहीं तो 
8) धीरे-धीरे
 9) बहुत
10) ओह !

सराव पेपर 1


















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