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सांख्यिकी | Statistics | इयत्ता 10 वी

 सांख्यिकी | Statistics | इयत्ता 10 वी 

पाठ.६. सांख्यिकी (toc)


सांख्यिकी का उपयोग कृषी विज्ञान अर्थशास्त्र जैविक तंत्रज्ञान शिक्षा विज्ञान समाज विज्ञान इत्यादी क्षेत्र में होता है।
 फ्रान्सिस गॉल्टन - ब्रिटिश गणितज्ञ संख्याशास्त्र मे मूलभूत कार्य किया हैं।

वर्गीकृत बारंबारता सारणी से माध्य

१) प्रत्यक्ष पद्धती :

इस में चार स्तंभ होते हैं।

) पहिले स्तंभ में वर्ग
२) दुसरे स्तंभ में वर्गमध्य (xi)
३) तिसरे  स्तंभ में बारंबारता (fi)
४)चौथे स्तंभ में  वर्गमध्य (xi) × बारंबारता (fi) का गुणनफल


२) वर्गीकृत बारंबारता बंटन सारणी द्वारा माध्यिका

ये सारणी तयार कर ने के लिए तीन स्तंभ जरुरी हैं।
) स्तंभ 1 - में वर्गांतर 
२) स्तंभ 2 - में संगत बारंबारता (fi)
  बारंबारता योगफल N = N/2
३) स्तंभ 3 - संचयी बारंबारता(cf)
माध्यिका ज्ञात कर ने का सूत्र

माध्यिका = L + [ N/2 - cf / f] × h

L =      माध्यिकीय वर्ग की निम्न वर्ग सीमा
N = कूल बारंबारता
सम संख्या = n+ 2 /2
विषम संख्या = n + 1/ 2
cf =    माध्यिकीय वर्ग के   ठीक पहिले वाले वर्ग की संचयी बारंबारता
f  = माध्यिकीय वर्ग की बारंबारता
h = माध्यिकीय वर्ग  का वर्गांतर 


3) वर्गीकृत बारंबारता बंटन के आधार पर बहुलक

➡️ बहुलक बारा मारता बटन मे अधिक से अधिक बारा आने वाली संख्या ही दिये गये हा अंक  बहुलक होती है ।
➡️ बहुलक ज्ञात करने का सूत्र

बहुकल = L + [ f 1 - f0 / 2f1 - f0 - f2 ] × h
 L = बहुलक वर्ग की निम्न सीमा
f1 = बहुलक वर्ग की बारंबारता
fo = बहुलक वर्ग के ठीक पहिले वाले वर्ग की बारंबारता
f2 = बहुलक वर्ग की ठीक बाद वाले वर्ग की बारंबारता
h. = बहुलक वर्ग का वर्गांतर

आयता लेख

१) आई चित्र मे वर्ग अवकाश के बराबर आधार तथा बारंबारता के बराबर ऊंचाई  x अक्ष पर लेकर एक दुसरे को जोड कर आयत खिंचते है ।

आयता लेख ब नाने की कृति
१) वर्ग सतत न हो ,तो उन्हे संतत करो।
२) वर्ग - x अक्ष पर
३)संगत बारंबारता - y अक्ष पर
४) x अक्ष पर मूल बिंदू और पहिले वर्ग के मध्य संकोच चिन्ह रहेगा।

बारंबारता बहुभुज


१) वर्ग सतत न हो ,तो उन्हे संतत करो।
२) वर्ग - x अक्ष पर
३)संगत बारंबारता - y अक्ष पर
४) x अक्ष पर मूल बिंदू और पहिले वर्ग के मध्य संकोच चिन्ह रहेगा।
५) क्रमागत बिंदू ओ  को सरल रेखाखंड द्वारा मिलाओ और एक बंद आकृती प्राप्त करो । ओ बारंबारता बहु भुज हैं।

वृत्तालेख 

वृत्तालेख की रचना करणे की विधी
१) वृत्तालेख बनाते समय संपूर्ण वृत्त को निश्चित अनुपात में विभाजित करके दुवैत्रिज्य की रचना करते हैं। सामग्री के प्रत्येक घटक को दुवैत्रिज्य द्वारा दर्शाते हैं।

दुवैत्रिज्य के  
केंद्रीय कोण की माप = घटक की संख्या ×360/ सभी घटको की कुल संख्या.
2. प्रत्येक घटक से संबंधित दवैत्रिज्य के केंद्रीय कोण का माप नीचे दिए गए सूत्र से ज्ञात कीजिए:
३)उचित त्रिज्या वाला  वृत्त खींचकर सामग्री में जितने घटक है, उतने ही दुवैत्रिज्यों में वृत्त को विभाजित करते हैं। 
इस दवत्रिज्य को खींचने के लिए संगत केंद्रीय कोण की माप  का उपयोग करते हैं। 
4. अगले पृष्ठ पर दी गई कृति तथा हल किए गए प्रश्न की सहायता से इस विधि को समझो।

प्रश्न संग्रह 

पाठ के पुरे प्रश्न संग्रह देखने के लिए निम्न व्हिडिओ देखो


पाठ का 25 % कम किया अभ्यासक्रम 

अभ्यासक्रम देख ने के लिए निम्न लिंक को ओपन  करो.

सराव पेपर 







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